बुध के अलग अलग भाव में प्रभाव जाने ज्योतिषी अचार्य श्वेता ओबेरॉय दीदी से।

बुध ग्रह 

बुध ग्रह को सभी ग्रहों में युवराज कहा गया है। बुध ग्रह व्यक्ति में वाणी, बुद्धि, तर्कशक्ति, गणित, कुशल वक्ता और संवाद का कारक होता है ।बुध छोटे भाई बहिन का भी कारक है,बुध घर की कन्या,बुआ, बतीजी है,बुध व्यापार का कारक है,व्यापार में जुबान कि बहुत कीमत होती है,बुध हाजिरजवाबी है,बुध वो तर्क भी है जिसकी आपको जानकारी नहीं है,फिर भी खुद को ही सही कहता है।बुध चतुर है,बुध बुधू भी है,बुध मित्र को दिया पक्का वादा है,बुध मित्र से बना दुश्मन भी है,बुध के बहुत सारे रूप है,हर भाव में बुध का नया रूप है और अलग कारक तत्व भी , आइए जानें 

बुध ग्रह से हम बुद्धि, विवेक, वाणी, विद्या, बंधु, वचन, मामा और मित्र का विचार करते है।

आइए जानते हैं बुध ग्रह का द्वादश भावों में फल !!

लग्न   :-   लग्न में बुध हो तो जातक सुंदर, सुबुध्दिवान्, कलावान्, गणितज्ञ, विद्वान, मधुर वचन बोलने वाला होता है । एक ऐसा बालक जिसे अगर डांट दो तो मुंह फुला ले,ऐसा अबोद बालक जो प्यार दिखाएं उसका हो जाए,और कभी कभी ऐसा के किसी की बात में ना आए।

द्वितीय  :- द्वितीय भाव में बुध हो तो जातक कुशलवक्ता,सुखी, वकील, मितव्ययी, पिता का भक्त, बुद्धि से धन उपार्जन करने वाला और प्रदेश वासी होता है ,धन की ओर आकर्षित,सोच कर बोलने वाला, कुटुम्ब में प्रिये,खानेपीने का शौकीन।

तृतीय   :- तृतीय भाव में बुध हो तो जातक कार्य में निपुण, चंचल, लेखक, परिश्रमी, व्यवसाय ,धर्मात्मा और सद्गुणी होता है ।यात्रा का शौकीन, छोटे भाई बहिन वाला, बहु मित्र वाला,गणित में निपुण।

चतुर्थ   :- चतुर्थ भाव में बुध हो तो जातक भाग्यवान, विद्वान धन-जन-वाहन से युक्त और नीतिवान्  होता है । मां से लाभ पाने वाला,लाडला,रात को जागने वाले दूर संचार से जुड़े काम करने वाला।

पंचम    :- पंचम भाव में बुध स्थित हो तो जातक सुंदर, मंत्रों का ज्ञाता, विद्वान्, सुखवान्, सदाचारी और उद्यमी होता है।प्रतियोगिता में भाग लेने वाला,बहुत भाषा का ज्ञान,तंत्र मंत्र में रुचि।

षष्ठ      :- षष्ठ भाव में बुध हो तो जातक अभिमानी, परिश्रमी, कामी, रोगयुक्त, निष्ठुरभाषी और शत्रुभय युक्त होता है।मामा से जुड़ाव,वकील,जज या अधिकारी वर्ग की नौकरी।

सप्तम  :- सप्तम भाव में बुध हो तो जातक दीर्घायु, विद्यावान्, व्यवसाय कुशल, लेखक, धार्मिक, और सुंदर/बुद्धिमान पुरुष/स्त्री का पति/पत्नी वाला होता है साझेदारी का व्यापारी। 

अष्टम   :- अष्टम भाव में बुध हो तो जातक सत्यवक्ता,अतिथिप्रिय, विख्यात, राज्यमान्य, न्यायाधीश और धर्मात्मा होता है ।ससुराल में अच्छा रोब रहता है। मान सम्मान मिलता है।


नवम    :- नवम भाव में बुध हो तो जातक भाग्यवान्, लेखक, ज्योतिषी, कवि, सदाचारी और धन् ,स्त्री और पुत्रों से युक्त होता है । साली से मधुर सम्बन्ध।

दशम    :- दशम भाव में बुध हो तो जातक व्यवहारकुशल श्रेष्ठबुद्धि, माता-पिता गुरुजनों का हितकारी, धनोपार्जक और लोकमान्य होता है ।सफल कपड़े का व्यापारी।

एकादश :- एकादश भाव में बुध हो तो जातक ईमानदार  विचारवान्, दीर्घायु, प्रसिद्ध, शास्त्र-चिंतक, सुंदर और धनवान् होता है,छोटे भाई के साथ व्यापार से लाभ।

द्वादश   :- द्वादश भाव में बुध हो तो जातक उपकारी, विद्वान्, अल्पभाषी, वकील, धर्मात्मा और वचन पालक होता है उच्च कोटि का ज्योतिषी, मान सम्मान पाने वाला।

ज्योतिषी अचार्य श्वेता ओबेरॉय दीदी
संपर्क सूत्र 8527754150
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