होली क्यों मनाई जाती है?
होली भारतीय संस्कृति का एक प्रमुख और रंगीन पर्व है, जिसे हिन्दू धर्म के अनुयायी विशेष रूप से मनाते हैं। यह पर्व मुख्य रूप से बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। होली का त्यौहार फाल्गुन माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है, जो आमतौर पर मार्च महीने में पड़ता है। यह पर्व लोगों को आपस में मिलजुल कर रहने, प्रेम और भाईचारे को बढ़ावा देने का संदेश देता है।
होली का ऐतिहासिक संदर्भ "होली" शब्द से जुड़ा हुआ है, जो राक्षसी राजकुमारी होलिका से जुड़ी एक पुरानी कथा पर आधारित है। इस कथा के अनुसार, होलिका अपने भाई हिरण्यकश्यप के कहने पर प्रह्लाद नामक अपने भतीजे को जलाने के लिए एक अग्नि में बैठी थी, लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से प्रह्लाद सुरक्षित बच गए और होलिका जलकर राख हो गई। इस घटना को बुराई पर अच्छाई की विजय के रूप में मनाया जाता है। होली का त्यौहार इस विजय को मनाने का प्रतीक है।
होली पर किसकी पूजा होती है?
होली पर विभिन्न देवताओं की पूजा होती है, लेकिन प्रमुख रूप से भगवान श्री कृष्ण और होलिका की पूजा की जाती है।
1. भगवान श्री कृष्ण की पूजा: होली का पर्व विशेष रूप से भगवान श्री कृष्ण से जुड़ा हुआ है, खासकर उत्तर भारत में। कृष्ण जी का बाल्यकाल और उनकी गोपियाँ के साथ होली खेलना एक लोकप्रिय किंवदंती है। कृष्ण जी ने अपनी प्रिय राधा और गोपियों के साथ रंग खेला, जिससे होली के रंग खेलने की परंपरा शुरू हुई। इस दिन लोग श्री कृष्ण की पूजा करते हैं और उनके साथ रंग खेलने की खुशी मनाते हैं।
2. होलिका दहन की पूजा: होली के पहले दिन 'होलिका दहन' की परंपरा है, जिसमें बुराई को जलाने का प्रतीकात्मक कार्य होता है। इस दिन लोग होलिका की पूजा करते हैं, जो बुराई का प्रतीक मानी जाती है। होलिका दहन का अर्थ है बुराई का नाश और अच्छाई का वर्चस्व।
होली पर क्या उपाय करें?
होली का त्यौहार न केवल खुशी और उल्लास का अवसर है, बल्कि यह आत्मिक शांति और समृद्धि लाने के लिए कुछ खास उपायों का पालन करने का भी अवसर है। होली के दिन कुछ खास उपाय किए जाते हैं, जो जीवन में सुख, समृद्धि और शांति लाने में मदद कर सकते हैं।
1. होलिका दहन के समय विशेष पूजा:
होलिका दहन के समय कुछ विशेष उपाय किए जा सकते हैं। इस दिन घर के प्रत्येक व्यक्ति को मानसिक शांति और समृद्धि के लिए आह्वान करें। घर में दीपक जलाएं और उसकी लौ के चारों ओर प्रार्थना करें। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होगा।
2. रंगों का सही उपयोग:
होली पर रंग खेलते समय ध्यान रखें कि कोई भी हानिकारक रंगों का प्रयोग न करें। प्राकृतिक रंगों का उपयोग करें, ताकि शारीरिक और मानसिक दोनों स्तरों पर आनंद प्राप्त हो। प्राकृतिक रंग न केवल त्वचा के लिए सुरक्षित होते हैं, बल्कि यह मानसिक शांति भी प्रदान करते हैं।
3. मिठाइयां और पकवान:
होली पर विभिन्न प्रकार की मिठाइयाँ जैसे गुजिया, मालपुआ, पेडे आदि बनाए जाते हैं। इन मिठाइयों का सेवन शारीरिक ताजगी और ऊर्जा प्रदान करता है, लेकिन स्वास्थ्य का ख्याल रखते हुए मात्रा में सेवन करें।
4. स्वस्थ्य आहार का सेवन:
होली के दिन रंगों और पकवानों के साथ साथ अपने आहार का ध्यान रखें। ताजे फलों का सेवन करें और ताजगी बनाए रखें। पानी अधिक मात्रा में पीने से शरीर में नमी बनी रहती है और रंगों के प्रभाव से बचाव होता है।
5. प्यार और सद्भावना फैलाएं:
होली का पर्व हमें आपस में प्रेम और सद्भावना फैलाने का संदेश देता है। इस दिन अपने परिवार, मित्रों और पड़ोसियों के साथ मिलकर त्यौहार का आनंद लें और किसी भी प्रकार के कड़वे रिश्ते को खत्म करने का प्रयास करें।
6. गायत्री मंत्र का जाप:
होली के दिन गायत्री मंत्र का जाप करने से मानसिक शांति मिलती है और जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है। गायत्री मंत्र का जाप करने से व्यक्ति के सभी पाप समाप्त हो जाते हैं और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
ज्योतिष आचार्य श्वेता ओबेरॉय दीदी
संपर्क सूत्र 8527754150
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