शुभ शगुनों में से एक है ये चीज, घर में रखने से खुश होते हैं शनिदेव
शहद अत्यंत मिठा चिपचिपा पदार्थ है, जिसका निर्माण मधुमक्खियां प्रकृति के द्वारा करती हैं। प्राचीनकाल से इसका उपयोग औषधि, धार्मिक कार्यों और सौंदर्य में बढ़ौतरी के लिए किया जाता है। मान्यता है की जब देवी दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था, उस समय उन्होंने बार-बार शहद का पान किया था। शहद का पान करने से उर्जा और दैवियता दोनों पाई जा सकती हैं। कुछ चीजें ऐसी भी होती हैं जिन्हें घर में सजाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और कुछ चीजों को घर में रखने से शुभ शगुन होता है। उन्हीं शुभ शगुनों में से एक है घर में शहद रखना। वास्तुनुसार घर में जो भी नकारात्मक ऊर्जा होती है वह शहद की पॉजिटिव एनर्जी से मिल कर समाप्त हो जाती है। जिससे परिवार के सभी सदस्यों को फ़ायदा होता है इसलिए बहुत से घरों में इसे आवश्यक रूप से रखा जाता है। शहद को किसी साफ और सुरक्षित स्थान पर रखें। इससे घर में बरकत बनी रहेगी और फिजूल खर्चों में कमी आएगी।
अगर किसी जातक की जन्मकुंडली में शनि नीच राशिगत, वक्री, अशुभ स्थान का स्वामी होकर अशुभ ग्रहों के प्रभाव में हो तो शनि अपनी महादशा, अंतर्दशा, साढ़ेसाती या ढैया अवधि, जन्म, शनि पर गोचर या शनि का गोचर होने पर अशुभ फल देता है।ऐसे में ज्योतिषशास्त्र के अनुसार घर में शहद रखने से शनिदेव खुश होते हैं। उस घर-परिवार पर उनकी अनुकंपा सदैव बनी रहती है। 26 जनवरी को शनि कर रहे हैं राशि परिवर्तन, उससे पहले घर अवश्य लाएं शहद।
जिन व्यक्तियों को जीवन में बार-बार कष्ट और आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है अथवा जिनका व्यवसाय काफी मेहनत करने के बाद भी फलीभूत नहीं हो पाता है, उनके लिए शनिदेव के गुरू भगवान शिव का अभिषेक शुभ फल प्रदान करता है। भगवान शिव को शहद बहुत प्रिय है। शनिवार को किसी भी काले शिवलिंग पर दूध में शहद मिलाकर अभिषेक करें।
शनिवार को काल भैरव और शनिदेव की आराधना करें। प्रसाद स्वरूप साबुत उड़द में दही और शहद मिलाकर अर्पित करें। इस उपाय से पारिवारिक शांति व संतान संबंधी समस्याओं से भी छुटकारा मिल जाएगा। माता-पिता यदि संतान की मनमानी या व्यवहार से दुखी हों तो इस अभिषेक से की गई आराधना से उनके संकटों का निवारण होगा।
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