क्या करे शुक्र शनि का.....?
कुंडली में शुक्र शनि सम्बन्ध का फल..
शुक्र और शनि दोनों ही आपस में परम् मित्र है।दोनों आपस में परम् मित्र होने के बाबजूद भी शुक्र शनि की युति या दृष्टि सम्बन्ध विशेष शुभ और अनुकूल नही होता है क्योंकि शुक्र सांसारिक और भौतिक सुखों का कारक है तो शनि भौतिक सुखो से दूर अध्यात्म की ओर ले जाने वाला ग्रह है।
शुक्र के कारत्व फल और शनि के कारत्व फल बिलकुल ही एक दूसरे से विपरीत है। शुक्र सफ़ेद रंग का प्रतिनिधित्व करता है तो शनि काले रंग का प्रतिनिधित्व करता है।जब शुक्र शनि कुंडली में आपस में युति या दृष्टि सम्बन्ध बनाते है तब यह दोनों जातक के सांसारिक जीवन को अस्त व्यस्त कर देते है क्योंकि शुक्र जहाँ जातक को भौतिक सुख सुविधाओ की ओर लेकर जायेगा .
तो शनि कही न कही भौतिक सुखों का त्याग कराने में अपना पूरा हस्तक्षेप करेगा । इस तरह जातक न तो सांसारिक सुख सुविधाओं का ठीक से उपभोग कर पायेगा और न ही सांसारिक भोग-विलास से दूर होकर अध्यात्म में,जो कि शनि के कारत्व है ,में जा पाएगा।
शुक्र शनि सम्बन्ध केवल वृष, तुला और मकर,कुम्भ लग्न की कुंडलियो में ही विशेष शुभ फल देने वाला होता है क्योंकि वृष और तुला लग्न में शनि योगकारक होकर जातक को सांसारिक भोग, सफलता, उन्नति, सौभाग्य को बढ़ाने वाला राजयोग सम्बंधित फल देने वाला होता है शुक्र वृष और तुला लग्न में लग्नेश होकर अपने आप में ही योग कारक होता है ऐसे में शनि शुक्र का सम्बन्ध वृष तुला लग्न के लिए राजयोग कारक होकर शुभ फल देगा
इसी तरह मकर और कुम्भ लग्न में शनि लग्नेश होता है और शुक्र इन दोनों ही लग्नो में योगकारक होकर लग्नेश शनि से सम्बन्ध बनाकर प्रबल से प्रबल राजयोग देने वाला शुभ सम्बन्ध बन जाता है।अन्य लग्न में शुक्र शनि सम्बन्ध कोई विशेष शुभ फल देने वाला नही होता है।
ज्योतिष आचार्य
श्वेता ओबेरॉय दीदी
संपर्क सूत्र 8527754150
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