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Read moreक्या करे शुक्र शनि का.....? कुंडली में शुक्र शनि सम्बन्ध का फल.. शुक्र और शनि दोनों ही आपस में परम् मित्र है।दोनों आपस में परम् मित्र होने के बाबजूद भी शुक्र शनि की युति…
Read moreजब घर में उग जाए पीपल का पौधा घर में या आस-पास पेड़-पौधों का होना सकारात्मकता का संचार करता है। वास्तु और ज्योतिष के अनुसार इनके शुभ प्रभाव से घर में सुख-समृ…
Read moreजिन पक्षियों को बचपन से ही पिंजरे में बॉध कर रखा जाता है वो बड़े होने के पशचात पिंजरा खुलने पर भी उड़ नही पाते उस पिंजरे के आस पास ही भटकते रहे जाते है! ठीक ऐसा ही…
Read more*मन को सुधारिए—वह जरूर सुधर जायेगा।* *जीवन में सफलता और अभ्युदय पाने की लिये मनुष्य का परम कर्तव्य है कि वह अपने मन को सुसंस्कार युक्त बनाये। अपनी मनोगति को …
Read moreजय माँ ललिताम्बा महाशिवरात्रि के विषय को लेकर आप सभी मित्र जनों एवं शिव भक्तों के मन में एक विशेष ही उत्साह बना होता है पर ऐसे में एक मुख्य बात जो परेशान करती है शंका पै…
Read moreअष्टकवर्ग से शुभ - अशुभ फलित विचार/ashtkvarg se shubh aur ashubh falit jane. अष्टकवर्ग एवं सर्वाष्टकवर्ग में ग्रह एवं संबंधित राशियों के बल का अध्ययन अंकों क…
Read moreशुक्र रेखा . अंगूठे की जड़ में शुक्र पर्वत के ऊपर अनेक रेखाएं पाई जाती है जो वहां से जीवन रेखा की ओर आती है इसमें से अनेक सूक्ष्म एवं टूटी-फूटी होती है इन रे…
Read moreजानिए कौन से ग्रह तय करते हैं कुंडली में नौकरी मिलने का योग .... जीवन में एक वक्त ऐसा जरूर होता है जब हम सोचते हैं कि नौकरी कब लगेगी? या अगर नौकरी छूट गई है तो नई नौकरी …
Read more. मंत्र गणेश गायत्री—ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि। तन्नो दन्ती प्रचोदयात्। २. नृसिंह गायत्री—ॐ वज्रनखाय विद्महे तीक्ष्णदंष्ट्राय धीमहि। तन्नो नृसिंह:…
Read moreश्री यंत्र की पूजा स्थापना से भाग्य के द्वार स्वयं खुल जाते है,इसकी पूजा और प्राणप्रतिष्ठा का विधान जानने के लिए संपर्क करें उच्चतम स्तर का श्री यंत्र लाने क…
Read moreजिस दोष के कारण कुंडली के शुभ फल लगभग ख़त्म से ही हो जाते हैं जब किसी की जन्म कुंडली में सूर्य देव के साथ शुक्र देव बैठ जाएँ तो बुरे फल मिलते हैं। और जब किसी वर्ष फल में…
Read moreकिसी भी कुंडली में लगन से केन्द्र भाव विष्णु स्थान कहलाते है एवं लग्र से त्रिकोण स्थान लक्ष्मी स्थान कहलाते है । जब भी इन विष्णु एवं लक्ष्मी स्थानों का संबंध…
Read moreकेमद्रुम योग यदि चंद्रमा से द्वितीय और द्वादश दोनों स्थानों में कोई ग्रह नही हो तो केमद्रुम नामक योग बनता है या चंद्र किसी ग्रह से युति में न हो या चंद्र को…
Read more"त्राटक से ब्रह्माण्ड भ्रमण", को प्रतिलिपि पर पढ़ें : https://hindi.pratilipi.com/story/3afders85yam?utm_source=android&utm_campaign=content_share भारतीय भा…
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